यदि एक 29 वर्षीय युवा संत सड़कों पर हिन्दुओं को एक करने का प्रयास कर रहे हैं तो बुराई क्या है?
जो लोग उनसे बागेश्वर धाम पर नहीं मिल पाते जो लोग धाम नहीं जा पाते जो लोग कथाएं भी नहीं करवा पाते जो लोग उनके मंच तक नहीं पहुंच पाते, यदि गांव गांव गली गली जाकर पूज्य श्री बागेश्वर धाम सरकार उनसे स्वयं मिलेंगे तो बुराई क्या है?
यदि लोग अपनी स्वेच्छा से इस विशाल हिंदू एकता पदयात्रा में शामिल हो रहें हैं तो बुराई क्या है?
इस पदयात्रा में कोई ऊंच नीच जातिवाद भी नहीं है तो बुराई क्या है?
इस पदयात्रा में सिर्फ पूज्य बागेश्वर धाम सरकार ही नहीं देश विदेश और श्री अयोध्या धाम के श्री वृंदावन धाम के हरिद्वार ऋषिकेश के सभी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पूज्य संत शामिल होंगे और उनके दर्शन और आशीर्वाद हम सबको मिलेंगे तो बुराई क्या है?
जहां जहां से ये पूज्य संत जायेंगे वहां की रज भी पवित्र हो जाएगी तो बुराई क्या है?
7 नवम्बर से 16 दिल्ली से श्री वृंदावन धाम की इस पदयात्रा को हर गली गली गांव गांव और पूरा देश विदेश में लोग इसे इंस्टाग्राम,,फेसबुक , यूट्यूब पर लाइव देखेंगे तो पूरा देश राममय,भक्तिमय हो जाएगा तो बुराई क्या है?
घर घर ,,मंदिरों में श्री हनुमानचालीसा,सुंदरकांड,रामायण और भजन कीर्तन होंगे तो बुराई क्या है?
इतिहास में विशाल महान पदयात्रा लिखी जाएगी और हम सब भी इसका हिस्सा रहेंगे तो बुराई क्या है?
एक युवा संत के द्वारा लाखों करोड़ों लोगों को बांकेबिहारी लाल जू के और श्री वृंदावन धाम के दर्शन करवाया जाएगा तो बुराई क्या है?
फिर भी कुछ मूर्ख तथाकथित लोग इसका विरोध कर रहे हैं हमारे पूज्य सरकार कों कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता…वो सनातन के लिए जीते है ।

