नई दिल्ली-नया संसद भवन संस्कृति व आधुनिक सपनों का संगम, 10 दिसंबर 2020 को पीएम मोदी ने रखी थी नींव, बढ़ती जरूरतों के लिहाज से मौजूदा संसद भवन अपर्याप्त,64500 वर्ग मीटर में फैला चार मंजिला भवन, 9500 किलो वजनी अशोक स्तंभ शिखर पर,971 करोड़ रुपए में हुआ है नए संसद भवन का निर्माण,नए संसद भवन में लगे पत्थर राजस्थान के , यूपी के मिर्जापुर का गलीचा लगाया गया, लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर व स्टील संरचना दमन व दीव की, सेंगोल लोकसभा स्पीकर के बगल में स्थापित होगा, ओडुवर गाएंगे प्राचीन शिव भजन, भवन में लोकसभा के 888 सदस्यों की बैठने की व्यवस्था, साथ ही राज्यसभा के 384 सदस्यों की भी बैठने की व्यवस्था,लोकसभा कक्ष में 1280 सदस्य बैठ सकते हैं, हर सीट पर डिजिटल सिस्टम और टच स्क्रीन फीचर,दोनों सदनों में हर सीट पर दो सदस्यों की बैठने की व्यवस्था,भवन में तीन मुख्य द्वार हैं, ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार हैं नाम.
संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने वाले प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए भी मंच पर और आसपास कुर्सियां लगवाई गई हैं।28 मई की ऐतिहासिक तिथि को जब यह समारोह अपने शबाब पर होगा, तो खाली कुर्सियां उन नेताओं के विरोध का प्रतिनिधित्व कर रही होंगी।वही कुर्सियां उन नेताओं के इस अवसर पर उपस्थित होने से चूक जाने की गवाह भी बनेंगी। समाचार माध्यम बता रहे हैं कि बहिष्कार में शामिल कई नेताओं को अपने विचार रखने की व्यवस्था भी की गई है परंतु हथभागी नेता इस अवसर को भी गंवा देंगे।वे संभवतः उस समय संसद के बाहर किसी सड़क पर अथवा किसी समाचार चैनल पर अपने विचार प्रकट करें। हालांकि दिल्ली पुलिस रविवार को पूरी दिल्ली को सुरक्षा के लिहाज से चाक चौबंद रखेगी।चालू भाषा में कहें तो कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा। हालांकि परिंदों को कहां फुरसत है। यह व्यवस्था तो उन नेताओं के लिए की जा रही है जो पर मारना चाहते हैं। बहरहाल सेंगोल अर्थात राजदंड की पूजा होकर उसे प्रधानमंत्री को आज शाम सौंप दिया गया है। कल इसकी स्थापना होगी। समाचार चैनल बता रहे हैं कि इस राजदंड से दक्षिण भारत की 130 लोकसभा सीटों को साधा जा सकेगा।दंड से उद्दंड को भी साधा जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन से वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए 75 रुपए के विशेष सिक्के जारी किए...